Wednesday, April 20, 2011

Devendra Dutta Mishra
............मैं कविता के दीप जलाता हूँ।
सूरज ढल रहा है,
सितारे दूर बैठे हैं।
थोडी सी रोशनी हो,
इसलिए मैं कविता के दीप जलाता हूँ।
इसलिए मैं कविता…….

दिशाएँ मौन बैठी हैं,
हवाएँ शान्त स्थिर है।
घुटन कुछ कम हो,
इसलिए मैं शब्द-चँवर झेलता हूँ।
इसलिए मैं कविता………

दुपहरी तेज है तपिस है,
नहीं किसी वृक्ष का छाँव भी।
भावना का पगा सिर पर हो,
इसलिए गीत मुकुट गढता हूँ।
इसलिए मैं कविता…………

थके है पाँव मन थका है,
पथ मे विश्राम-स्थल भी नही।
पुश्त को आराम थोडा मिल सके,
इसलिए संगीत मरहम मलता हूँ।
इसलिए मैं कविता………

बहुत बिखराव है मन में,
दरकते हुए रिश्ते हैं हृदय मे।
दिल को दिल से मिला पाऊँ,
इसलिए प्रेमधागे जोडता हूँ।
इसलिए मैं कविता………..

आवेश मे हैं लोग भृकुटि तनी है।
कोई किसी की सुनता नही।
दिलो के बीच संवाद फिर से हो सके
इसलिए प्रेमाक्षरो के पुल बनाता हूँ।
इसलिए मैं प्रेमगीत लिखता हूँ

ये वही अन्ना हजारे है |

saabhaar
Arvind Yogi
मेरा भारत प्यारा भारत

अन्ना हजारे कौन है ?
१ - ये वही अन्ना हजारे है जिन्होंने ठाकरे साहब के उर में सुर मिलाया यू पी और बिहारी मुंबई को बर्बाद कर रहे है !
२ - ये वही अन्ना हजारे है जिन्होंने वीडियो लाइव टेलीकास्ट लोकपाल बिल का होने का विरोध करते है !
३ - ये वही अन्ना जी जिन्होंने एक सपना देखा है एक महान नेता बनने का
बहुत सी ऐसी बाते है जिन्हें बताते हुए शर्म आती है कि भारत इए लोगो को आज भी अपना उद्धारक मानता है !
अन्ना हजारे को एक बहरूपिया चोर गिरगिट कुत्सित मनोविकारी विस्वह्घती और न जाने कितने ही शब्द कम पड़ जायेंगे
आइये सोचिये समझिये कुछ कीजिये नहीं तो ऐसे चोर हमारे भारत को बेच देंगे !
गर मुझे अन्ना को चोर कहने से कोई भी सजा मिली तो स्वागत है कि एक गंदगी को अ करने के लिए मेरा जीवन समर्पित हो जायेगा क्योकि ये जीवन तो मेरे मातृभूमि का ऋणी है देश के इतिहाश में ऐसे असामाजिक विस्वाहघती चोर नेताओं को चप्पलों कि माला पहननी चाहिए
मेरे प्रिय एवम आदरनीय श्री प्रवीण आर्य जी कुछ तो कीजिये इस चोर का नहीं तो देश का इतिहास आपसे हमेसा पूछता रहेगा कि आपकी कलम कहाँ सो गई थी आप खुद को माफ़ नहीं कर सकेंगे ! जय भारत जय भारतीय

श्री रामदेव जी क्यों नहीं किरण बेदी क्यों नहीं ?

saabhaar
Arvind Yogi
मै कौन हूँ ? क्यों हूँ ?
पहली बात कि मै भी एक आम भारतीय नागरिक हूँ कलम का एक छोटा सा उपासक हूँ !
१- अन्ना हजारे जी से मेरा कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं है हाँ लेकिन उनके जैसा कार्य गर कोई भी भारतीय करता है तो जरुर बोलूँगा भले ही कोई मुझे पागल कहे तो कहता रहे हाँ अर्क सिर्फ इतना पड़ेगा कि लोग कितने सवेंदनशील है ये जरुर सामने आएगा !
आप खुद सोचिये
१ - बाबा रामदेव या किरण बेदी जी के साथ आने से पहले अन्ना हजारे को कौन जनता था क्या आप जानते थे ?
२-लोकपाल बिल विधेयक लाने का प्रस्ताव बाबा रामदेव जी की समिति का उद्देश्य रहा है जिसमे अन्ना जी शामिल किये गए फिर समिति में वंशवाद क्यों हुआ कि इस समिति में राजनीती से सम्बन्ध रखने वाले लोग ही रखे गए है श्री रामदेव जी क्यों नहीं किरण बेदी क्यों नहीं ?
३- विधेयक पास होने का लाइव प्रसारण होने का विरोध अन्ना जी ने क्यों किया वो भी जब कांग्रेस भी यही बात कह रहा है आखिर जनता का बिल है तो फिर जनता से क्यों छिपाया जायेगा ?
४- इस समय इस प्रकरण से क्या बाबा रामदेव जी पूरी तरह से जुड़े हुए है या फिर उनको क्या कोई व्यक्तिगत स्वार्थ हो सकता है ! जी नहीं बाबा रामदेव जी को इस गंदगी का आभास हो गया है इसलिए वो दूर हो गए है इस गंदगी से हाँ अन्ना हजारे को स्वार्थ है ये साफ साफ देखा जा सकता है जो कि बाल ठाकरे अपनी राजनीती चमका सकते है कांग्रेस अपना बचाव कर सकता है ?
५- हमारे भारत का इतिहास रहा है जब भी कोई महान संत या राजनीती से अलग व्यक्ति राजनीती के खिलाफ खड़ा हुआ है उसके पीछे कूटनीति कि बिसात बीचा दी गयी है ! और यही हुआ है हमारे बाबा रामदेव जी के साथ !
६ - आज डाक्टर कुमार विश्वाश जी जैसे लोग क्यों दूर हो गए है इस पुरे प्रकरण से ?
७- अग्निवेश के बारे में कभी सोचा है आपने कि इसका इतिहास क्या रहा है ?
८- क्या सर्कार के पास जवाब था अपने सारे घोटालो से ध्यान हटाने का ये तो दुर्भाग्य है कि आवाज उठी जरुर लेकिन ना वक़्त अहि था और नहीं चुना गया व्यक्ति सही था अन्ना हजारे ने ना केवल बाबा रामदेव कि समिति को धोखा दिया है बल्कि सभी को धोखा दिया है कितनी हदों तक सरकार सफल हुई है अपने किये बुरे कार्यो को उधारने में ?
९- राजनीती कि पार्टी कोई भी हो सभी ने अपनी रोटी सेंकी है भोली जनता को तवे कि तरह तपा कर क्या ये सच नहीं है आज कोई भजी पार्टी विस्वाश के काबिल नहीं है ?
१०- कांग्रेस ने बाबा रामदेव जी के प्रयासों जानते हुए और इसकी गंभीरता को जानते हुए एक कूटनीतिक पारी खेली जिसमे वो सफल रही ! भोली जनता का ध्यान हटाना मात्र उनका उद्देश्य था सो उन्होंने बखूबी कर लिया ! अब विधेयक पास होना तो दूर कि बात है धीरे धीरे वक़्त के साथ होता रहेगा ! कांग्रेस कि सोची समझी राजनीती रही है अन्ना हजारे जैसे ऐसे व्यक्ति को बाबा रामदेव जी के पीछे लगाने की जो आसानी से सफल हुई ?

हो सकता है मै अपने विचारो से गलत हो जाऊ मुझे परवाह नहीं परन्तु भारतीय जनता के साथ गलत नहीं होना चाहिए भले ही अन्ना हजारे कुछ करे लेकिन गर वो समझते है कि जनता भेद है तो वो भूल जाये चलिए ९० % लोग नहीं मानेंगे सच्चाई को लेकिन जब आने वाले कल में उन्हें पता चलेगा इस पूरी राजनितिक प्रपंच के बारे में तो खुद को मजबूर और लाचार पाएंगे ! यह कड़वा सच है कि अन्ना हजारे राजनीती के मोहरे के सिवाय कुछ भी नहीं है ! गर मेरे विचारो से मैंने किसी को कस्ट पहुँचाया तो मुझे माफ़ कीजिये लेकिन आने वाले भारत का भविष्य ये राजनेता बर्बाद करके ही रहेंगे अगर हम इनके दांवपेंच से ना बच सके तो !
मेरा कलम ना किसी का गुलाम है और नहीं किसी राजनीती से सम्बन्ध रखता है रही बात भ्रस्ताचार के खिलाफ बोलने कि तो भ्रस्ताचार गर अपने सही रूप में रहे तो हर कोई समझ; सकता है लेकिन यदि यही आचार का रूप धारण कर ले तो भला कहाँ कोई जल्दी समझ सकता है ! ए मेरे भारत वासियों उठो जागो और जवाब दो आज फिर तुम्हारे बीच एक संत बाबा रामदेव जैसे लोगो को भी ए राजनेता अपनी कूटनीति से पराजित करना चाहते है !
आज हमारा दुश्मन कोई और नहीं हमरे घर में बैठा हमारा शाशक ही है जो हमें अपने हिसाब से चलाना चाहता है और हम उसके दांवपेंच में फंसते जा रहे है!
जागो भारत जागो जय भारत जय भारतीय ! अरविन्द योगी ९८७३२४८९८७