Tuesday, March 29, 2011

देशद्रोही समाचार चैनलों पर भारत सरकार को नकेल कसनी चाहिए:

देशद्रोही समाचार चैनलों पर भारत
सरकार को नकेल कसनी चाहिए:
महेन्द्र सिंह तँवर
(ऑपरेशन्सप्रमुख,ग्लोबट्रॉटर्सट्रैवलएंडटूर्स')


संसार की सर्वश्रेष्ठ 'टूर एंड ट्रैवल' संस्थाओं में से एक जी.टी.. में बरसों कार्य कर चुके महेन्द्र सिंह तँवर वर्तमान में ब्रिटेन की एक अन्य अग्रणी संस्था 'ग्लोबट्रॉटर्स ट्रैवल एंड टूर्स' में ऑपरेशन्स-प्रमुख हैं । भारत की बड़ी-से-बड़ी 'टूर एंड ट्रैवल' कम्पनियों को को कस्टमर्स (पर्यटक) ऐसी विदेशी कम्पनियाँ ही मुहैया करवाती हैं ।Mahendra Tanwar, Media, Indian, Journalism, Electronic, Media House, TV Channel, Star News, Aaj Tak, India TV, CNN, IBN, NDTV, Zee Tv, TV9
भारत के कुछ गैर-जिम्मेदार समाचार चैनलों के हिन्दू धर्म विरोधी अभियान के कारण पिछले कई वर्षों से भारत आनेवाले पर्यटकों की संख्या में लगातार कमी आ रही थी । इस कमी का विश्लेषण करने श्री महेन्द्र सिंह तँवर जब स्वयं भारत आये तो उन्हें पता लगा कि यह सब कुछ समाचार चैनलों की टी.आर.पी. की लड़ाईमात्र है। तँवरजी ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शायद ये समाचार चैनल नहीं जानते कि ऐसा करके वे अपने देश का कितना नुकसान कर रहे हैं!

अपने क्षुद्र स्वार्थ के चलते कई समाचार चैनलों द्वारा
देश के प्रतिष्ठित संतों के विरुध्द किये जा रहे दुष्प्रचार
का विदेशों में अपने देश की छवि पर कितना बुरा
असर पड़ रहा है इसकी जानकारी इंग्लैण्ड की एक
बड़ी कम्पनी 'ग्लोबट्रॉटर्स ट्रैवल एंड टूर्स' के ऑपरेशन्स
प्रमुख श्री महेन्द्र तँवरजी ने प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह
को हाल ही में लिखे पत्र से हो जाती है । अपने पत्र में
महेन्द्रजी ने लिखा है कि भारत की छवि विदेशों में
एक पवित्र भूमि के रूप में है, जहाँ शांति की खोज में पूरे
विश्व से पर्यटक हर वर्ष आते हैं। यहाँ के तीर्थ-स्थानों की
यात्रा व संतों के दर्शन-सत्संग से विदेशी पर्यटकों को
मानसिक शांति व आनंद का अनुभव होता है ।
श्री तँवर ने आगे लिखा है कि पिछले दो-तीन वर्षों से
भारत के कुछ समाचार चैनलों पर देश के बड़े-बड़े
संत-महात्माओं के चरित्रहनन का घिनौना प्रयास
लगातार चल रहा है । इन कार्यक्रमों के कारण हमारा
भी व्यापार लगातार प्रभावित हो रहा था,इसलिए
चैनलों द्वारा लगाये जा रहे आरोपों की जाँच करने
मैं स्वयं भारत आया था । यहाँ आकर हमारी खोजबीन
से यही बात सामने आयी कि देश के सुप्रसिध्द संतों
पर झूठे आरोप लगाकर कुछ समाचार चैनल अपनी
टी.आर.पी. की लड़ाई लड़ रहे हैं । उनको इस बात का
जरा भी अफसोस नहीं है कि उनके द्वारा किये जा रहे
इन कार्यों का देश व समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा !
मैंने उन्हीं दिनों एक समाचार चैनल 'आज तक' पर
दिखाये एक कार्यक्रम 'हे राम' के विषय में पूरी जाँच-पड़ताल
की तो पता चला कि यह प्रसिध्द संतों को फँसाने के
लिए उनसे कई बार की गयी बातचीत को काट-छाँटकर
बनाया गया एक प्रोग्राम था। जिसे वे कमेन्ट्री द्वारा
सनसनीखेज बनाकर संतों को दोषी दिखाना चाहते थे ।
मैंने इस विषय में जब चैनल के अधिकारियों से पूछताछ
की तो उन्होंने 'उलटा चोर कोतवाल को डाँटे' की तर्ज पर
कहा कि उन्होंने जो ठीक समझा दिखा दिया । मैं चाहूँ
तो उन पर कानूनी कार्यवाही कर सकता हूँ। टूरिज्म
सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था के कुल जीडीपी
(सकल घरेलू उत्पाद) में लगभग 6.23 प्रतिशत का योगदान
देता है तथा रोजगार के क्षेत्र में भी इस इंडस्ट्री का
योगदान 8.78 प्रतिशत है।
इस स्थिति में भारत कैसे कुछ समाचार चैनलों को भारतवर्ष
का पर्यटन उद्योग विध्वंस करने का मौका दे रहा है !
ये केवल देश को अरबों रुपयों की आर्थिक हानि ही
नहीं पहुँचा रहे हैं, बल्कि ये लोग देश की प्रगति में बाधा
डालने का एक राष्ट्रीय अपराध भी कर रहे हैं। विदेशों में
ईसाई मिशनरियों व इसलामिक संस्थाओं के समाचारों
को वहाँ की प्रेस व मीडिया खूब बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहे हैं,
किंतु एक भारतीय मूल का होने के नाते यह देखकर मैं
बहुत दुःखी हुआ हूँ कि भारत का एक मीडियावर्ग केवल
अपने निजी स्वार्थ के लिए संतों को बदनाम कर स्वयं को
प्रगतिशील मान रहा है ।
भारत आकर ही मुझे पता लगा कि हमारे संत
आध्यात्मिकता का प्रचार-प्रसार कर केवल देश के
नागरिकों का चरित्र-निर्माण ही नहीं कर रहे हैं बल्कि
समाजसेवा के कार्यों में भी वे विश्व की बड़ी-से-बड़ी
कल्याणकारी संस्थाओं को टक्कर दे रहे हैं !
इस विषय में उन्होंने देश के महान संत आसारामजी बापू
की संस्था श्री योग वेदांत सेवा समिति का उदाहरण भी दिया ।
श्री महेन्द्र के विचार में संत श्री आसारामजी बापू के आश्रमों
की शृंखला विश्व में सबसे बड़ी है, जो समाज में शिक्षा,
स्वास्थ्य व चरित्र-निर्माण के अतिरिक्त देश में दैवी
आपदाओं के समय भी लोक कल्याण के कार्यों में
सबसे आगे रहती है।
महेन्द्र ने देश में आयी सुनामी आपदा का एक उदाहरण
देकर बताया कि उस समय संत श्री आसारामजी
बापू की 'श्री योग वेदांत सेवा समिति' व उनके हजारों
कार्यकर्ता सुनामी- पीड़ितों को अनाज, दवाइयाँ,
टेन्ट व कम्बल तो बाँट ही रहे थे, इसके अतिरिक्त
उन्होंने इस भयंकर प्राकृतिक आपदा में बेघर हुए
लोगों को स्थायी आवास भी बनाकर दिये हैं ।
यह तो एक उदाहरण मात्र है । मैं यह सुनकर
आश्चर्यचकित रह गया कि देश में चरित्र-निर्माण के
लिए यह संस्था 17,000 से अधिक बाल संस्कार
केन्द्र एवं कई शिक्षण संस्थान भी चला रही है !
यह जानना सचमुच अद्भुत था कि श्री योग वेदांत
सेवा समिति देश में अनेकों गौशालाएँ भी चला
रही है और इन गौशालाओं में गायों के मूत्र व
गोबर का भी औषधियों व अगरबत्ती में उपयोग
कर इन गौशालाओं को स्वावलम्बी बना दिया गया है।
संसार की एक अग्रणी टूर एवं ट्रैवल कम्पनी के
ऑपरेशन्स प्रमुख श्री महेन्द्र तँवर अपने भारत
प्रवास के दौरान मुझसे भी मिले थे । उन्होंने
अत्यंत गम्भीर होकर एक बार मुझसे कहा था कि
संत आसारामजी बापू द्वारा किये जा रहे
कार्यों को देखकर मैं सचमुच आश्चर्यचकित रह
गया हूँ। शिक्षा, स्वास्थ्य, धार्मिक साहित्य प्रकाशन,
गौसेवा तथा देश की आनेवाली पीढ़ी का चरित्र-निर्माण
सभी कार्य राष्ट्रीय-स्तर पर वे कितने सुव्यवस्थित
रूप से चला रहे हैं । विश्वास ही नहीं होता कि एक
व्यक्ति इतने कार्य कैसे कर सकता है ! यदि बापूजी
हमारे देश (इंग्लैण्ड) में होते तो कई विश्वविद्यालय
प्रबंधन (मैनेजमेंट) पर लेक्चर के लिए अपने यहाँ
इनको आमंत्रित करते तथा इन्हें मैनेजमेंट की
बड़ी-से-बड़ी मानद डिग्री भी प्रदान करते।
यह वास्तव में भारत का दुर्भाग्य है कि न्यूज चैनल
अपने कतिपय स्वार्थ के लिए ऐसे महान पुरुषों
की भी निंदा करते हैं । वास्तव में ये भारत के ढीले-ढाले
कानूनों का लाभ उठा रहे हैं । भारत सरकार को
जरूर ही इन राष्ट्रद्रोही समाचार चैनलों के विरुध्द कड़ी
कार्यवाही करनी चाहिए।
श्री महेन्द्र तँवरजी ने अपनी खोज में इस दुष्प्रचार का
कारण 'चैनलों की अपनी-अपनी टी.आर.पी. बढ़ाने की
होड़' माना है, जो आंशिक रूप से तो ठीक है पर
वास्तव में इसके पीछे एक गहरी साजिश है ।
कई दशकों से मिशनरियों के धर्मपरिवर्तन के
चल रहे निर्बाध कार्यक्रम में देश के प्रतिष्ठित संत सबसे
बड़ी बाधा बन रहे थे । पिछले कुछ वर्षों से संतों द्वारा
धर्म के प्रति लोगों में जागरण का जो अभियान तेजी
से चला है, उसके कारण मिशनरियों का धर्मपरिवर्तन
का धंधा काफी मंदा पड़ गया है । अतः संतों को अपने
रास्ते से हटाने के लिए, लोगों में इनके प्रति नफरत
फैलाने के लिए साजिशकर्ताओं ने समाचार चैनलों
तथा मीडिया का सहारा लिया और इन्हें भरपूर आर्थिक
प्रलोभन देकर आये दिन झूठी, मनगढ़ंत, भड़काऊ खबरें
गढ़वायीं तथा पूरे जोर-शोर से उनका प्रचार किया ।
यहाँ उल्लेखनीय है कि इन समाचार चैनलों में अधिकांश
पर विदेशी पूँजी-निवेशकों का स्वामित्व है अतः यह काम
और भी आसान हो गया है । पिछले कुछ वर्षों में इन
मिशनरियों के पास विदेशों से कितना पैसा आया और
वह कहाँ खर्च हुआ इसकी अच्छी तरह पूरी जाँच होनी
चाहिए । एन.जी.ओ. के माध्यम से इन लोगों को मिल
रही सरकारी आर्थिक सहायता की भी ईमानदारी से
निष्पक्ष जाँच होने पर सारी सच्चाइयों का पर्दाफाश हो
जायेगा और संतों के विरुध्द हो रहे कुप्रचार के मूल
कारणों का पता चल जायेगा ।
- अशोक पंडित
संरक्षक एवं प्रबंध सम्पादक,
'आदर्श पंचायती राज ग्रुप'।
(संदर्भ ः मासिक समाचार पत्र 'आदर्श पंचायती राज', दिल्ली, फरवरी 2011)

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